वैष्णव पत्रिका :- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीज बजट 2017-18 पेश किया। इस बजट में जेटली ने नोटबंदी की मार से जूझ रहे वेतनभोगी मध्यवर्ग और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किए हैं। अब तीन से पांच लाख रुपये तक की सालाना व्यक्तिगत आय वालों पर टैक्स की मौजूदा 10 प्रतिशत दर को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये तक का वार्षिक कारोबार करने वाली छोटी इकाइयों के लिए टैक्स की दर घटाकर 25 प्रतिशत कर दी।
इस बार के आम बजट में रेलवे बजट को भी मिलाया गया है। इस लिहाज से यह ऐतिहासिक बजट है। इसके साथ ही आमतौर पर फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता है लेकिन इस बार इसे फरवरी माह के शुरू में ही पेश किया गया।
टैक्स दरों में बदलाव
वैष्णव पत्रिका :– वित्त मंत्री ने टैक्स छूट के लिए न्यूनतम आय की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया है। इससे अब 3 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा। तीन लाख से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर टैक्स की दर 10 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई। 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये सालाना कमाने वाले लोगों को 10 प्रतिशत का अधिभार देना होगा। एक करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार जारी रहेगा।
महिला एवं बाल कल्याण के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपये
इस बजट में महिला और बाल कल्याण के लिए आवंटन एक लाख 56 हजार 528 करोड़ रुपये से बढ़ाकर एक लाख 84 हजार 632 करोड़ रुपये किया गया है। सरकार ने ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 500 करोड़ रुपए के आवंटन से गांवों में महिला शक्ति केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। यह राशि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास, रोजगार, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और पोषण के अवसरों के लिए ‘वन स्टॉप’ सामूहिक सहायता पर खर्च की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की राष्ट्रव्यापी योजना के अंतर्गत छह हजार रुपए सीधे ऐसी गर्भवती महिला के बैंक खाते में जमा किए जाएंगे, जो किसी भी चिकित्सा संस्थान में बच्चे को जन्म देगी और अपने बच्चों का टीकाकरण कराएगी।
मनरेगा में बजट में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इस वर्ष मनरेगा का बजट बढ़ाकर 48000 करोड़ रुपए किया जा रहा है, जो अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। पिछले वर्ष मनरेगा का बजट 38500 करोड़ रुपए था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2०19 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पड़ रही है। इस मौके पर सरकार एक करोड़ परिवारों को गरीबी से निजात दिलाने 50,000 ग्राम पंचायतों को गरीबी मुक्त करेगी।
किसानों के ऋण के लिए 10 लाख करोड़
सरकार ने कृषि क्षेत्र की विकास दर चार प्रतिशत से अधिक करने के उद्देश्य से कृषि ऋण 10 लाख करोड़ निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा सिंचाई के लिए 40 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। किसानों के फसल बीमा योजना के प्रति बढते आकर्षण के बावजूद 2०16-17 में कुल फसल क्षेत्र का 3० प्रतिशत हिस्सा ही बीमित था जिसे 2017-18 में बढ़ाकर 4० प्रतिशत और 2०18-19 में बढ़ाकर 5० प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार ने देश के सभी 648 कृषि विज्ञान केन्द्रों में नई लघु प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है। वैष्णव पत्रिका