वैष्णव पत्रिका:- यूपी कैबिनेट ने महापुरुषों के जन्मदिन और पुण्यतिथि पर होने वाली सभी छुट्टियों को खत्म कर दिया है. हालांकि जिन महापुरुषों की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश होता है वो छुट्टियां चलती रहेंगी, लेकिन यूपी में अलग-अलग राज्य सरकारों के आदेश से हो रही ऐसी सारी छुट्टियां खत्म हो गई हैं. अभी यूपी में सरकारी कर्मचारियों को सालभर में 194 छुट्टियां मिलती हैं, जिनमें 40 पब्लिक हॉलीडे हैं. यूपी में बहुत सारी छुट्टियां ऐसी होती हैं, जो दुनिया में और कहीं नहीं होतीं.
दरअसल, बीते 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के एक कार्यक्रम में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इतने ज्यादा अवकाशों पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि महापुरुषों के जन्मदिन की छुट्टी के बजाय उस दिन महापुरुषों की जिंदगी के बारे में बच्चों को बताया जाना चाहिए. इससे वे उनकी जिंदगी से प्रेरणा भी हासिल करेंगे और उसके बाद अपनी पढ़ाई भी कर सकेंगे. यूपी में तमाम ऐसी छुट्टियां हैं, जो धरती पर और कहीं नहीं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जन्मदिन की छुट्टी बिहार में नहीं, लेकिन यूपी में होती हैं. कहते हैं कि ज्यादातर महापुरुषों की छुट्टियों का मकसद उनकी जाति को खुश करना है. कर्पूरी ठाकुर की छुट्टी नाई समाज को, परशुराम जयंती की छुट्टी ब्राह्मणों को, चंद्रशेखर जयंती की छुट्टी ठाकुरों को, हजरत अली के जन्मदिन की छुट्टी शियाओं को, ख्वाजा गरीब नवाज के जन्मदिवस की छुट्टी सुन्नियों को… अंबेडकर परिनिर्वाण की छुट्टी दलितों को, निषादराज के जन्मदिन की छुट्टी पिछड़ों को, आचार्य नरेंद्र देव के जन्मदिन की छुट्टी कायस्थों को और छठ की छुट्टी पूर्वी यूपी वालों को खुश करने को की गई.
अभी तक यूपी के सरकारी दफ्तरों में मिलने वाली सारी छुट्टियों का हिसाब करें तो शनिवार और इतवार 104 दिन, पब्लिक हॉलिडे 40 दिन, अर्जित अवकाश 30 दिन, कैजुअल लीव 15 दिन, रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे दो दिन, लोकल हॉलिडे तीन दिन… कुल 194 अवकाश होते हैं. यानी साल में करीब साढ़े छह महीना छुट्टी.
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि 15 महापुरुषों के नाम पर राज्य सरकार अवकाश देती थी. ये सारी छुट्टियां आज से खत्म होंगी