हर किसी को आकर्षित करती, बीकानेरी...
ऊंट की खाल पर नक्काशी - बीकानेर में उस्तों का कला क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है । ऊंट की खाल पर सुनहरी चित्रकारी मनौती कार्य ने काफी प्रसिद्धि प्राप्त की है । पूरे विश्व में उपयोग में आने वाले बारीक से...
शिक्षा से राजनीति में परचम लहराने...
वैष्णव पत्रिका:- आचार्य चौक का पुराना नाम सोनावतों का चौक था । यहां ओसवाल जाति के लोग बहुतायत में रहतें थे । कालान्तर में बच्छावत जाति के लोग भी निवास करने लगे जिसके कारण इस चौक को बच्छावतों का चौक भी कहा...
शहर की सांस्कृतिक परम्परा को जीवंत...
वैष्णव पत्रिका । जैसा कि चौक के नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि यहां बारह अलग-अलग जातियों के लोग रहते थे जिससे इस चौक का नामकरण हुआ है । इस चौक में मुख्यत: बारह जातियों में छह पुष्करणा व छ...
बीकानेर महाराजा का पाकिस्तान की ओर...
वैष्णव पत्रिका :- बीकानेर के स्वतंत्रता सेनानी दाऊलाल आचार्य ने, स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् बीकानेर महाराजा का झुकाव पाकिस्तान की ओर हो जाने की एक घटना का उल्लेख किया है- वे लिखते हैं- पाकिस्तान की बहावलपुर रियासत की सीमायें बीकानेर राज्य से...
बंगाल में मारवाडिय़ों की शक्ति –...
वैष्णव पत्रिका :- कोलकाता महानगर में जहां प्रवासी बीकानेरी सर्वाधिक संख्या में निवस करते है । वहां भी गणगौर उत्सव मनाया जाता है । कोलकाता में गणगौर उत्सव की शुरूआत बलदेव जी मंदिर में गवरजा व ईसर की काष्ट की प्रतिमाओं के...
जिसके रग-रग में बस गया राम...
वैष्णव पत्रिका :- कबीर हिंदी साहित्य के महिमामण्डित व्यक्तित्व हैं। कबीर के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे रामानन्द स्वामी के आशीर्वाद से काशी की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से पैदा हुए थे, जिसको भूल...
छत्तरी वालें पाटे से विख्यात है...
वैष्णव पत्रिका:- शहर के सबसे चहल-पहल वाले चौक'दम्माणी चौक छतरी के पाटे तथा घर की छत पर छतरी हेतु प्रसिद्ध है। शहर के पुराने चौकों में से दम्माणी चौक भी है जो कि 300-400 वर्षों का इतिहास अपने में समेटे हुए है।...