ऐसे चूमेगी सफलता आपके कदम

वैष्णव पत्रिका  :- इसमें कोई दो राय नहीं कि महिलाओं और पुरूषों दोनों के ही सोचने का नजरिया अलग-अलग हैं। कुछ लोग कहते हैं कि महिलाएं अपने परिवार के बारे में बहुत ज्यादा सोचती हैं और पुरूष ज्यादा प्रैक्किल होते हैं। फिर भी सच्चाई यह है कि महिलाओं ने ऊंचाई के मुकाम को छुआ है। यदि आप भी सफलता के आसमान को छूना चाहती हैं, तो आपको अपनी क्षमताओं को और ज्यादा निखारने की कोशिश करनी चाहिएं।

अपने हुनर को निखारें
आज जमाना बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है और लोग भी उन्हें ही पूछते हैं जो जमाने में सबसे तेज हैं। इसलिए अपनी कला और अपने हुनर को ज्यादा से ज्यादा निखारे तथा अपने क्षेत्र में प्रोफैशनल तौर से एक अलग पहचान बनाएं।

पॉजीटिव चीजों पर फोकस करें
यदि आपको जीवन में बड़ा बनना है, तो किसी भी स्थिति का नैगेटिव पहलू न देख कर उसका पॉजीटिव पहलू ही देखें। हर उस चीज पर फोकस करें, जो आप को सकारात्मक की ओर ले जाए।
जिस दिन आप केवल समाधान पर ही फोकस करना शुरू कर देंगी, तब से आपकी जिंदगी बदल जाएगी और फिर कोई समस्या नजर न आने से आप मुस्कुराती हुई आगे बढ़ जाएंगी।

अपना मुकाम तय करें
अपने भविष्य के बारे में बैठ कर सोचे कि आप भविष्य में खुद को कहां देखना चाहती हैं। आप आर्थिक रूप से समृद्ध होना चाहती हैं या केवल अपनी संतुष्टि के लिए काम करना चाहती हैं। जो भी निर्णय लें, अच्छी तरह से सोच समझ कर लें।

हमेशा नया सीखे
यदि आपको आगे बढ़ना है तो हर वक्त अपने प्रोफैशन से संबंधित चीजें सीखती रहें। कभी ऐसी चीजों को सीखने से गुरेज न करें जो आपको आगे बढ़ाने में मदद कर सकती हों।

भावनाओं को हावी न हो दें
यूं तो महिलाएं हर चीज को बड़े भावनात्मक तरीके से हैंडल करती हैं, परंतु भावनाओं को अपने ऊपर हावी न होने दे तथा इन्हे अपनी ताकत बना लें।

खुद पर भरोसा करें
खुद पर भरोसा करना सीखें और देखे आप किस तरह से बदल जाती है। कई महिलाओं खुद पर भरोसा होता है और वे अपनी बात को पूर आत्मविश्वास के साथ दूसरो के सामने रख पाती हैं क्योंकि यदि खुद पर भरोसा होगा, तभी विश्वास कर पाएंगे। अपने समय और काम को ठीक ढंग से ऑगनाइज करें तथा मुश्किल परिस्थितियों में तनाव न लें।

भाषा पर कमांड रखें
अपनी बोलचाल की भाषा में सुधार लाएं तथा उस पर पूरी कमांड रखें। ऐसा न हो कि अंग्रेजी बोलने के चक्कर में आप उसे गलत ही बोलते हुए मजाक की पात्र बन जाएं। जो भी भाषा आप को अच्छे ढंग से आती है, उसी में बात करें तथा सही उच्चारण और सशक्त आवाज में अपनी बात दूसरों के सामने रखें।

गलती मानना अच्छी बात
कोई भी इंसान परफैक्ट नहीं होता, यदि आपसे कोई गलती हो जाती है तो उसे ईमानदारी से स्वीकार करें तथा सुधारने का प्रयास करें।

वैष्णव पत्रिका

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