खुद को सकारात्मक कैसे बनाये

खुद को सकारात्मक कैसे बनाये

वैष्णव पत्रिका : मधुसूदन व्यास:- सकारात्मक सोच एक ऐसी शक्ति है, जो भगवान ने हमें दी हैं। इसका प्रयोग करके हम बड़े से बड़े युद्ध में सफलता अर्जित कर सकते है। जीवन में हमें कई तरह की परेशानियाँ आती है, ऐसा कोई नहीं है, जिसके जीवन में कोई कठिनाई या परेशानी न हो हर मनुष्य के पास कोई ना कोई परेशानी है, लेकिन हर मनुष्य परेशान या रोता हुआ तो नहीं दिखता। कठिनाई के समय मनुष्य को अपनी सोच पर नियंत्रण व धैर्य रखना चाहिए अगर वह ऐसा करता हैं तो वह किसी भी समस्या का समाधान आसानी से कर सकता हैं। मनुष्य के मन में दो प्रकार के विचार होते है ।

सकारात्मक और नकारात्मक

आध्यात्मिकता से सकारात्मक विचार आते है, जबकि नकारात्मक सोच शैतान का कार्य है। आप माने या न माने लेकिन इस दुनिया में जैसे भगवान है, वैसे ही शैतानी ताकत भी है मन में गलत विचार लाना या आना , अपने ही बारे में बुरी सोच ये शैतानी शक्ति ही देती है। भला ऐसा कौन है जो अपने प्रिय लोगों के लिए बुरा सोचना चाहेगा लेकिन शैतान ऐसा ही है, वो चाहता है, मनुष्य की सोच उसके हिसाब से चले, और वह हर नकारात्मक बात जो हमारे लिए सही नहीं हैं उसे हमारे मन में डालने के लिए प्रयास करता हैं।

सकारात्मक सोच कैसे बनाये

कहते है सकरात्मक सोच वाले लोग ही जीवन में सफल हो पाते है। आपके मन के विचार आपके स्वाभाव के द्वारा सबके सामने आते है. सकारात्मक सोच वालों के आस पास सभी लोग रहना पसंद करते है. सकारात्मक सोच के लिए सुबह उठते ही इन प्रक्रिया को अपनाएं –

–  मुस्कराओ।
– आज मेरा दिन है।
– मुझे पता है, मैं आज सबसे बेस्ट जगह में हूँ।
– मुझे पता है, मैं विजेता हूँ।
– मैं अपने लिए स्वयं ज़िम्मेदार हूँ।
– अपनी डेस्टिनी मै स्वयं चुन सकता हूँ।
– मुझे पता है, ये मैं कर सकता हूँ, और मैं पक्के से कर सकता हूँ।
– भगवान हमेंशा मेरे साथ है।
आप सोच रहे है, ऐसा करने से क्या बदलाव आएगा, मेरी परेशानी ऐसे ठीक नहीं होगी। लेकिन आप विश्वास करें और इस प्रक्रिया को अपनाएं. कहते है शब्दों में बहुत ताकत होती है, अगर आप पॉजिटिव बोलोगे तो वैसा ही होगा, क्यूंकि पॉजिटिव वातावरण हमारे आस पास होगा तो हम पॉजिटिव रह पाएंगे। जितना हो सके, अपनी परिस्थति पर पॉजिटिव बोलें ।

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