बड़े खर्चों से बच रहे है बीकानेर के लोग
हजार और पांच सौ के पुराने नोट बंद होने का असर लोगों के बाहर जाकर खाने पर भी नजर आ रहा है। सप्ताह के अंत में पहले जहां शाम को रेस्टोरेंट में पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, वहां इन दिनों सन्नाटा है। यहां शाम को इक्के-दुक्के परिवार ही भोजन के लिए आ रहे हैं। वहीं, स्ट्रीट फूड स्टॉल की बात करें तो यहां नोटबंदी का असर नहीं पड़ा है। सबसे बड़ा कारण कम पैसे का खर्च माना जा रहा है। जूनागढ़ के पास छोले-भटूले की ठेल लगाने वाले रमेश बताते हैं कि मोदी जी ने नोट जरूर बंद किए है लेकिन शहरवाले इन दिनों में छोले-भटूले खाने कैसे नहीं आ रहे है।
हजार और पांच सौ के पुराने नोट बंद होने का असर लोगों के बाहर जाकर खाने पर भी नजर आ रहा है। सप्ताह के अंत में पहले जहां शाम को रेस्टोरेंट में पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, वहां इन दिनों सन्नाटा है। यहां शाम को इक्के-दुक्के परिवार ही भोजन के लिए आ रहे हैं। वहीं, स्ट्रीट फूड स्टॉल की बात करें तो यहां नोटबंदी का असर नहीं पड़ा है। सबसे बड़ा कारण कम पैसे का खर्च माना जा रहा है। जूनागढ़ के पास छोले-भटूले की ठेल लगाने वाले रमेश बताते हैं कि मोदी जी ने नोट जरूर बंद किए है लेकिन शहरवाले इन दिनों में छोले-भटूले खाने कैसे नहीं आ रहे है।
गिने चुने लोग ही आते- रेलवे स्टेशन के पास एक रेस्टोरेंट के प्रबंधक शर्मा कहते हैं कि वीकेंड पर शाम पांच बजे से ही लोगों का आना शुरू हो जाता था। अब वीकेंड पर पांच से सात फैमिली ही आ रही हैं।